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भारत में पर्सनल लोन की ब्याज दर

अप्रैल/28/2023 को प्रकाशित

अगर हमारे पास फंड की कमी होती है और हमारी अति-आवश्यक फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कुछ तत्काल फाइनेंस की आवश्यकता होती है, तो हममें से कई लोग पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने के बारे में सोचते हैं. पर्सनल लोन आसानी से उपलब्ध है और पर्सनल लोन के अनसिक्योर्ड होने के कारण, यह काफी सुविधाजनक भी है.

आपको लोन के बदले कोलैटरल प्रदान करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है. अपने लोन पर सबसे अच्छी डील पाने के लिए आपको आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर, लोन राशि, पर्सनल लोन EMI और ब्याज दर जैसे कारकों पर विचार करना होगा.

इस ब्लॉग में हम पर्सनल लोन की ब्याज दर के बारे में और बॉलपार्क के वे कुछ आंकड़े क्या हैं जो बैंक और NBFC पर्सनल लोन के लिए ब्याज के रूप में वसूलते हैं, इस बारे में ओवरव्यू प्राप्त करेंगे.


पर्सनल लोन की ब्याज दर क्या है?

हम जानते हैं कि जब भी हम किसी लेंडर से लोन लेते हैं, तो लोन तभी प्रदान किया जाता है जब दोनों पा‍र्टियां एक विशिष्ट ब्याज दर पर सहमत होती हैं जिसका भुगतान उधारकर्ता को करना होता है. ब्याज की गणना कुल लोन राशि के प्रतिशत के रूप में की जाती है.

यह ब्याज दर उधारकर्ता द्वारा लिए गए लोन की लागत का एक बड़ा हिस्सा बन जाती है. इसलिए, पर्सनल लोन के इस पहलू को समझना आवश्‍यक है.

अगर लागू ब्याज अधिक है, तो लोन आपके लिए बहुत महंगा हो सकता है और इसका विपरीत भी हो सकता है. इसलिए, आपको हमेशा कम ब्याज दर पाने के लिए बातचीत करनी चाहिए क्योंकि इससे लोन की लागत काफी कम हो जाएगी.


पर्सनल लोन की ब्याज दर की तुलना

भारत में, बैंक और NBFC पर्सनल लोन प्रदान करने वाले लेंडर हैं, और वे प्रति वर्ष 10% से 15% के बीच कोई भी ब्याज दर वसूल सकते हैं. कुछ लेंडर पर्सनल लोन की न्यूनतम ब्याज दर 9% तक कर स‍कते हैं.

ध्यान रखें कि यह केवल एक अनुमान है, और लेंडर के आधार पर, यह आंकड़ा काफी अलग-अलग हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लेंडर द्वारा ली जाने वाली पर्सनल लोन की ब्याज दरें कभी भी तय नहीं होती हैं, बल्कि ये एप्लीकेंट के क्रेडिट स्कोर, इनकम, लोकेशन, लोन राशि, अवधि आदि जैसे अन्य कारकों पर बहुत अधिक निर्भर होती हैं.

सबसे अच्छी बात होगी कि आप कई लेंडर से बातचीत करें और देखें कि कौन सबसे अच्‍छी ब्याज दर प्रदान करता है. पहले ऑफर के बाद या आपके द्वारा संपर्क किए गए पहले लेंडर के ब्याज दर को कभी स्वीकार न करें. कम से कम तीन या चार लेंडर से बात करना और उसके अनुसार चुनना समझदारी होती है.


न्यूनतम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन प्राप्त करने के लिए टिप्‍स

  • अपने पर्सनल लोन को फेस्टिव सीज़न में प्‍लान करें, क्योंकि सामान्य तौर पर इस समय लेंडर लोन की ब्याज दरों पर बेहतर डिस्काउंट प्रदान करते हैं.
  • 750 या उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर बनाए रखें. पर्सनल लोन अनसेक्योर्ड लोन होते हैं. क्‍योंकि, आपका क्रेडिट स्कोर आपकी ब्याज दर को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो समय के साथ इसे बेहतर बनाएं और अपने लोन के लिए अप्लाई करें.
  • अगर किसी बैंक या NBFC में आपका अकाउंट है, तो हो सकता है आपके पास पहले से ही कम ब्याज दरों पर प्री-अप्रूव्ड लोन हो.
  • इसी प्रकार, जिन लेंडर के साथ आपका पहले से ही रिलेशनशिप बना हुआ है, वे आपको कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन प्रदान करने के लिए सबसे अच्‍छी तरह से तैयार रहते हैं.

पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले कारक

ब्याज दरों की गणना लेंडर को आने वाली लोन की लागत और लोन एप्लीकेंट के क्रेडिट रिस्क मूल्यांकन के आधार पर की जाती है. निम्नलिखित कारक पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करते हैं.


क्रेडिट स्कोर

750 या उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर होना यह सुनिश्चित करने का एक बेहतरीन तरीका है कि आपको कम ब्याज दर मिले. ऐसा स्कोर दर्शाता है कि आपकी पिछली क्रेडिट हिस्‍ट्री त्रुटिहीन रही है. लेंडर इसका समर्थन करते हैं और आपको कम ब्याज दरों पर लोन देने के लिए तैयार होते हैं.

आय

आपकी इनकम जितनी अधिक होगी, आपकी लोन चुकाने की क्षमता उतनी ही बेहतर होगी. इसलिए, लेंडर के लिए क्रेडिट जोखिम कम होगा और वह कम ब्याज दर पर लोन प्रदान कर सकता है.


रोजगार का प्रकार

आपसे वसूली जाने वाली पर्सनल लोन की ब्याज दर, आपके रोज़गार के प्रकार से भी प्रभावित होती है. आमतौर पर, इनकम निश्चित रहने के कारण वेतनभोगी व्यक्तियों से स्व-व्यवसायी व्यक्तियों की तुलना में कम ब्याज दरें ली जाती हैं. अधिक सुरक्षि‍त नौकरी के कारण सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों से सबसे कम ब्याज लिया जाता है.


निष्कर्ष

आपके लोन की कुल लागत निर्धारित करने वाला सबसे मुख्‍य कारक पर्सनल लोन की ब्याज दर है. अधिक ब्याज का मतलब है कि आपको पर्सनल लोन के लिए बहुत अधिक भुगतान करना होगा, साथ ही आपकी ईएमआई भी अधिक हो जाती है. इसलिए लोन कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत होने से पहले सुनिश्चित करें कि आपकी ब्याज दर किफायती हो.